Thursday, June 3, 2010

"असफलता"

http://repairstemcell.files.wordpress.com/2009/03/winner-loser.jpgपिछले  दिनों  सिविल सेवा परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ. एक परिणाम जिसके सकारात्मक आने को लेकर मैं बहुत आशान्वित था, वहाँ असफलता हाथ लगी.थोड़ी देर के लिये मैं परेशान हो गया लेकिन ऐसे समय में अक्सर साथ देने वाली लेखनी याद हो आई और मैंने झटपट लेखनी उठाई और उस समय दिमाग में आने वाले भावों को पन्नों पर उकेर डाला. पहली पंक्ति कुछ ऐसे बन पड़ी..............


मै दुखी हूँ कि कोई मनहूस सी हवा मुझको छूकर गुजरी  है
पर क्या कहूँ  उनके   लिये  जिनसे कि   ये होकर  गुजरी  है.

फिर भाव आते गये और लेखनी दौड़ती रही कुछ ऐसा लिख देने के लिये..................
असफलता जो ले आती है
अरमानों का पतझड़                      
झंकझोर जाती है
मस्तिष्क और दिलो दिमाग को
मुश्किल होता है सृजित कर पाना
नए अरमानों को
सजा पाना कुछ नए सपने
लेकिन फिर भी
उठ खड़े होना
सपनों के कोंपले उगाना
उन्हें पत्तों में विकसित करना
http://www.avforums.com/forums/attachments/past-winners/14286d1116619098-march-2005-competition-winner-theme-sun-sun.jpgपरिचायक है दृढ विश्वास का
एक मजबूत ह्रदय का||||||||||||| 

लेकिन इन सबके बावजूद
मात्र एक शब्द
जो अस्थिर सी कर जाता है                   
कंपकंपा देता है ह्रदय को
रोक देता है सांसों को
चारों तरफ                      
जिसका नाम है
असफलता"

उन असफल अभ्यर्थियों की तरफ से जो अब भी हार नहीं मानना चाहते सफल अभ्यर्थियों को कहना चाहूँगा
कि.....................
गिरते हैं तो  उठ खड़े      होना      सीख     लेंगे               
रखते हैं    दंभ      जीत   को     हम   खींच लेंगे
ऐ  विजय   के नेक       और       बहादुर सिपाही
एक दिन हम भी तुमसे कदम मिलाना सीख लेंगे.
                                     
            
http://franchisessentials.files.wordpress.com/2009/08/winners-and-losers1.jpgप्रारंभिक परीक्षा,मुख्य परीक्षा और फिर साक्षात्कार  तक पहुँच कर असफलता का हाथ लगना एक अभ्यर्थी के लिये काफी दुखद है. मुझे इस बात का मलाल है कि वे अभ्यर्थी जो कि साक्षात्कार तक पहुँचते हैं जिसमें पास होने के बाद हम उन्हें देश की सबसे बड़ी जिम्मेदारियां देने को होते हैं वो साक्षात्कार में हुई थोड़ी सी चूक मात्र से बाहर हो जाते हैं और फिर उन्हें शुरुआत वहीँ  से करनी होती है जहा से वो पहले चले  होते हैं. यह बात तो सही है कि थोड़ी सी चूक भी चूक ही होती है लेकिन फिर भी.......
धन्यवाद"

2 comments:

divya pandey said...

Tripathi ji Niraash hone se kuch nahi hota...aap jaroor safal honge aaj nahi ti kal...or sabse badi baat ye ki jo insaan lagan se mehnat karta hai...use safalta awashya hi milti hai.
jis parinaam ki aap baat kar rahe hain usi me mere bahiya ka selection hua hai...ye to unhe bhi nahi pata ki ve kitne saalon se sivil ki taiyaari kar rahe the or ab jaakar safal huye hain...kyoni mehnat karne valon ki kabhi haar nahi hoti...so be positive.

संगीता पुरी said...

आपकी तकलीफ को मैं समझ रही हूं .. पर इस दुनिया में अपने पूरे जीवन में प्रत्‍येक व्‍यक्ति हर वक्‍त अपनी चाहत को पूरा नहीं कर पाता है .. पर असफलताओं से नहीं घबडाने वालों का वक्‍त एक दिन अवश्‍य लौटकर आता है .. और निश्चित तौर पर आपका भी आएगा !!