Tuesday, September 14, 2010

"हम हिन्दी दिवस मना रहे हैं"

https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg75R7nkBJARNa0cE5JGWI80AcxVltPcsUWzQvgEjA3n0kp5L6JVuuY5qEm0WEsLI2f0GOfCxUjAvlD49NO-_Km-gvTkrg8GBnHlfI7Sn8mHWPaj-5DquIh3bthn8Yv5Qwy3qNxIYVsX7V1/s320/hindi_divas.jpg

कोई भी दिवस मनाने का मुझे बस एक लाभ समझ में आता है कि वह दिवस जिससे सम्बंधित होता है, हम उसे भूल नहीं पाते हैं. शायद इसके और भी बहुत सारे लाभ होते हों और उपरोक्त बात मेरी अपनी व्यक्तिगत सोच को दर्शाती हो लेकिन एक बात जरुर कहना चाहूँगा की हिन्दी दिवस मनाने की बात मुझे अक्सर खटकते रहती है. मेरे विचार से हिन्दी जो कि मात्र  एक भाषा नहीं बल्कि राष्ट्र भाषा है उसे भूल जाने या फिर उसे याद करने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता ? अपनी कुछ इन्ही बातों को दर्शाने के उद्देश्य से मैंने आज कुछ ऐसा लिखा.......
हम हिन्दी दिवस मना रहे हैं
शायद      कोई    गुन्जाईस    है भूल  जाने की इसे 
इसलिए इसे याद कर हम मानस पटल पर ला रहे हैं
हम हिन्दी दिवस मना रहे हैं  |
जो हिन्दी सम्पूर्ण भारत के राज-काज और समाज की भाषा होना चाहिए उसके समृद्धि के लिये हम आज हिन्दी दिवस मना रहे हैं. जिस हिन्दी को प्रत्येक भारतीय को एक दुसरे से जोड़ने का माध्यम होना चाहिए, जो हिंदुस्तान की धड़कन होनी चाहिए उसके समृद्धि के लिये सेमिनार और गोष्ठियां आयोजित की जा रही हैं. अपनी संस्कृति और अपने भाषा के सहारे आज अमेरिका,जापान,चीन इत्यादी देश बुलंदियों को छू रहे हैं और हम हैं कि समूर्ण भारत को एकता के एक सूत्र में पिरोने के लिये हिन्दी को सर्व समाज कि भाषा मानने के बजाय विभिन्न भाषाओँ के साथ इसका सामंजस्य बैठने की कोशिश कर रहे हैं. अपने कुछ एक प्रश्नों पर आप सबके विचार जानना चाहूँगा कि..................
http://www.iccsuriname.org/images/hindi_divas_by_amit_05.jpg१.हिन्दी पैसा बनाने का माध्यम है लेकिन आम जनसंपर्क का माध्यम क्यों नहीं ?
२. जब इसे राष्ट्र भाषा घोषित किया गया है तो फिर सम्पूर्ण राष्ट्र के लिये एक अनिवार्य भाषा क्यों नहीं ?
३. राष्ट्र भाषा के नाम पर ओछिं राजनीति क्यों और फिर ऐसा करने वालों के विरुद्ध सख्त कानून क्यों नहीं?

सीधे तौर पर यह बात कहने से परहेज करता हूँ कि हिन्दी का विकास नहीं हुआ या फिर इसका विकास नहीं हो रहा लेकिन जब यथोचित विकास की बात करें तो फिर इसे सहर्ष स्वीकार करना होगा की इसे वो स्थान अबतक नहीं मिल सका है जो इसे मिलना चाहिए. बातें अभी और भी हैं लेकिन आज के लिये बस इतना ही.
http://sarathi.info/wp-content/uploads/2008/09/hindi-day.jpg
(सभी फोटोग्राफ्स गूगल सर्च इंजन से साभार)
धन्यवाद"

2 comments:

हमारीवाणी said...

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PAWAN VIJAY said...

निज भाषा उन्नति आहे सब उन्नति को मूल
जय हिंदी जय भारती