आज सबसे पहले तो "सब नू लोहड़ी दी लख लख बधाइयाँ". सेमेस्टर exam के वजह से नव वर्ष कि बधाइयाँ नही दे सका हूँ, जिसके लिये आज उपस्थित हूँ.
"देर से दुरुस्त देने के लिये , सुस्त को कुछ चुस्त देने के लिये,
नव ऊर्जा का संचार करने के लिये,मै आ गया नव वर्ष कि बधाई लिये"
"अलविदा २००९,स्वागत २०१०"
"नूतन वर्ष मंगलमय हो"
फोन कॉल,मेल,मैसेज आदि कुछ ऐसे माध्यम हैं जिनके द्वारा नव वर्ष कि बधाइयाँ लगभग सबतक पहुँच चुकी हैं लेकिन ब्लॉग के माध्यम से Think more.............
"अब तक बधाइयों का सिलसिला थोड़ा गर्म था
कविता अबतक शांत थी और कवि अभी तक मौन था
अब जब सबकुछ शांत है बधाइयाँ प्रेषित कर रहा हूँ
न प्रत्यक्ष तो शब्द से ही खुशियों कि झोली भर रहा हूँ.
"आगत का स्वागत करें जोश से, गत को रखकर जेहन में
इस उदिशा संग संकल्प करें और, ऊर्जा भर लें तन मन में
आने वाला कल अपना है,जो कल तक का अपना सपना है
अवरोध हटाने को सारे, आल इज वेल अब हमको जपना है"
ब्लॉग के माध्यम से शुभकामनायें देने की ये शुरुआत है और उम्मीद करता हूँ कि ये कुछ ऐसे ही जारी भी रहेगी लेकिन इस शुभकामना पोस्ट में आने वाले वर्षों के लिये भी शुभकामनाएँ इन शब्दों में.............
"मै पवन हूँ ,हूँ हवा का एक झोंका,
कबतलक मै साथ में चलता रहूँगा,
हर वर्ष की बधाइयाँ इस वर्ष ले लें,
जबतक है जीवन दुआ मै करता रहूँगा.
अपने से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े लोगों के साथ-साथ सम्पूर्ण विश्व के सुख-शांति और समृद्धि के लिये बहुत सारी शुभकामनाएँ...................................